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सागर । जिला मुख्यालय से महज 22 किमी दूर स्थित ग्राम मेहर में दूषित पानी पीने के चलते हैजा से पीड़ित होने वाले ग्रामीणों की संख्या चार दिन बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है. आज फिर ग्राम से 23 पीड़ित सामने आए जिनका उपचार गांव में ही बनाए गए अस्थाई अस्पताल में किया जा रहा है. इनमें से दो मरीजों की स्थिति गंभीर होने के चलते उन्हें बीएमसी रैफर किया गया. तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों ने पास में स्थित डिस्टलरी को बंद किए जाने की मांग लेकर एनएच पर चक्काजाम कर दिया.
उल्लेखनीय है कि छह दिन पूर्व ग्राम मेहर में दूषित पेयजल के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण हैजे का शिकार हो गए थे जिन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र बांदरी सहित जिला अस्पताल और बीएमसी में दाखिल किया गया था. इसके चलते दो लोगों की मौत भी हुई. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर दीपक आर्य ने सीएमएचओ डॉ ममता तिमोरी सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण कर संबंधित ट्यूबवेल को बंद भी कराया था.
मामला सामने आने के छटवे दिन बाद भी ग्राम में हालात सामान्य होते नजर नहीं आ रहे हैं. आज फिर ग्राम में 23 लोगों की हालत बिगड़ी जिन्हें गांव में ही बनाए गए अस्थाई अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल किया गया. जिनमें से दो को गंभीर होने पर बीएमसी रैफर किया गया है. ग्राम में अब तक 441 लोगों को उपचार के लिए बनाए गए अस्पतालों में लाया जा चुका है. वहीं आज ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र में पेयजल प्रदूषित होने का आरोप लगाते हुए नजदीक स्थित डिस्टलरी को बंद किए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया. करीब 2 घंटे लगाए जाम के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की समझाइश पर ग्रामीणों ने जाम खत्म किया. उल्लेखनीय है कि जिस ट्यूबवेल के दूषित पानी से ग्राम में लोगों में डायरिया फैला उसे तो प्रशासन द्वारा उसी दिन बंद करा दिया गया था लेकिन अब ग्राम में टैंकरों के माध्यम से पानी भेजा जा रहा है लेकिन डर के कारण ग्रामीण उसका भी उपयोग नहीं कर रहे जिसके चलते डी हाईड्रेशन की समस्या सामने आ रही है.
सीएमएचओ डॉ ममता तिमोरी ने बताया किब ग्राम मेहर में अब स्थिति बहुत हद तक कंट्रोल में है, आज 23 लोगों को परेशानी हुई थी जिनका उपचार किया गया. दो मरीजों को बीएमसी में रैफर किया गया है. ग्राम में दूषित पेयजल के सभी स्त्रोत बंद कराए गए हैं. अलग से जल उपलब्ध कराया जा रहा है.