सागर । श्री वाल्मीकि रामायण जी, श्री रामचरितमानस और श्री मद्भागवत गीता हमारे सनातन धर्म और संस्कृति का आधार हैं। भगवान श्री राम नाम का जप हम मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं। श्री राम नाम का जप और सद्कर्मों से हम सभी मोक्षगामी हो कर भव सागर को पार करते हैं। यह उद्गार युवा भाजपा नेता अविराज सिंह ने सुरखी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बरोदा में आयोजित श्रीराम तारक नवकुंडीय यज्ञ एवं श्री रामकथा आयोजन में उपस्थित श्रद्धालुओं के समागम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

श्री राम दरबार की वर्षगांठ पर आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम में पहुंच कर युवा नेता श्री अविराज सिंह ने सबसे पहले बरोदा के श्री राम जानकी रमण मंदिर में दर्शन किए। फिर यज्ञशाला पहुंच कर श्री यज्ञ भगवान की पूजा अर्चना की तत्पश्चात कथा व्यास पं श्री प्रभु दयाल पाठक जी के श्रीमुख से रामकथा का अमृतपान किया। श्री अविराज ने व्यासपीठ के आदेश पर रघुकुल शिरोमणि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जयघोष के साथ अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि अनन्य रामभक्त श्री हनुमान जी ने भगवान श्री की महिमा को यह कहते हुए व्याख्या दी है कि गौगा बड़ी न गोदावरी न बड़े तीर्थ प्रयाग, सकल तीर्थ का पुण्य वहां जहां श्री राम का वास। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण की परंपरा देश में निरंतर समृद्ध हो रही है। इससे धर्म के प्रति हमारा ज्ञान और समझ बढ़ती है। इससे धर्म की रक्षा की भावना और संकल्प निरंतर बढ़ता जा रहा है।
श्री सिंह ने श्री राम चरित मानस की चौपाई “ अगुण सगुण बिन मंदिर सुंदर …“ का उद्धरण देते हुए कहा कि भगवान श्री राम का नाम सूर्य की उन किरणों की तरह है जो मनुष्य के काम क्रोध मद लोभ को नष्ट कर देती हैं। उन्होंने बताया कि राम नाम के दो अर्थ समझे हैं। एक तो यह कि राम नाम में राधा माधव के नाम भी स्वतः शामिल हैं। दूसरा राम नाम में राष्ट्र का मार्गदर्शक भी निहित है। उन्होंने उद्धरण सहित समझाया कि भगवान श्री राम से पांच गुण सीखने और अनुसरण करने चाहिए। ये हैं मातृशक्ति का सम्मान, दयाभाव, आदर्श और कर्तव्य परायण पुत्रभाव, धैर्य की भावना। उन्होंने कहा कि ग्राम बरोदा से हमारे परिवार का अनेक पीढ़ियों का आत्मीय और पारिवारिक रिश्ता है। अपने परिवार के बीच पहंचने का आनंद और प्रसन्नता हृदय में अनुभव कर रहा हूं। उन्होंने कथा स्थल पर विराजमान विप्रजनों का पुष्पमाला शाल श्रीफल से सम्मान कर आशीर्वाद लिया। ग्राम वासियों और आयोजकों ने सिंह का शाल श्रीफल से अभिनंदन किया। अविराज की ओर से कथा व्यास पंडित श्री पाठक जी को पगड़ी और सभी श्रद्धालुओं को श्री राम नाम पट्टिकाएं भेंट में दी गईं। कथा व्यास ने अविराज सिंह की मेधा और धर्म परायणता की प्रशंसा की ।कथा आयोजन में प्रमुख रूप से देवेन्द्र दुबे, अभिषेक शास्त्री, हरेन्द्र शास्त्री, सुधीर शास्त्री, शशिकांत शास्त्री, गोविंद दुबे, सीताराम सिंह, अरविंद सिंह, पप्पू सिंह, कुंवर सिंह, अमोल सिंह, राघवेन्द्र सिंह, हरनाम सिंह, भूपेनद्र सिंह, हरिनंदन तिवारी, गोविन्द पाठक, श्री सिंह सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से पधारे हुए हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

श्री राम दरबार की वर्षगांठ पर आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम में पहुंच कर युवा नेता श्री अविराज सिंह ने सबसे पहले बरोदा के श्री राम जानकी रमण मंदिर में दर्शन किए। फिर यज्ञशाला पहुंच कर श्री यज्ञ भगवान की पूजा अर्चना की तत्पश्चात कथा व्यास पं श्री प्रभु दयाल पाठक जी के श्रीमुख से रामकथा का अमृतपान किया। श्री अविराज ने व्यासपीठ के आदेश पर रघुकुल शिरोमणि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जयघोष के साथ अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि अनन्य रामभक्त श्री हनुमान जी ने भगवान श्री की महिमा को यह कहते हुए व्याख्या दी है कि गौगा बड़ी न गोदावरी न बड़े तीर्थ प्रयाग, सकल तीर्थ का पुण्य वहां जहां श्री राम का वास। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण की परंपरा देश में निरंतर समृद्ध हो रही है। इससे धर्म के प्रति हमारा ज्ञान और समझ बढ़ती है। इससे धर्म की रक्षा की भावना और संकल्प निरंतर बढ़ता जा रहा है।
श्री सिंह ने श्री राम चरित मानस की चौपाई “ अगुण सगुण बिन मंदिर सुंदर …“ का उद्धरण देते हुए कहा कि भगवान श्री राम का नाम सूर्य की उन किरणों की तरह है जो मनुष्य के काम क्रोध मद लोभ को नष्ट कर देती हैं। उन्होंने बताया कि राम नाम के दो अर्थ समझे हैं। एक तो यह कि राम नाम में राधा माधव के नाम भी स्वतः शामिल हैं। दूसरा राम नाम में राष्ट्र का मार्गदर्शक भी निहित है। उन्होंने उद्धरण सहित समझाया कि भगवान श्री राम से पांच गुण सीखने और अनुसरण करने चाहिए। ये हैं मातृशक्ति का सम्मान, दयाभाव, आदर्श और कर्तव्य परायण पुत्रभाव, धैर्य की भावना। उन्होंने कहा कि ग्राम बरोदा से हमारे परिवार का अनेक पीढ़ियों का आत्मीय और पारिवारिक रिश्ता है। अपने परिवार के बीच पहंचने का आनंद और प्रसन्नता हृदय में अनुभव कर रहा हूं। उन्होंने कथा स्थल पर विराजमान विप्रजनों का पुष्पमाला शाल श्रीफल से सम्मान कर आशीर्वाद लिया। ग्राम वासियों और आयोजकों ने सिंह का शाल श्रीफल से अभिनंदन किया। अविराज की ओर से कथा व्यास पंडित श्री पाठक जी को पगड़ी और सभी श्रद्धालुओं को श्री राम नाम पट्टिकाएं भेंट में दी गईं। कथा व्यास ने अविराज सिंह की मेधा और धर्म परायणता की प्रशंसा की ।कथा आयोजन में प्रमुख रूप से देवेन्द्र दुबे, अभिषेक शास्त्री, हरेन्द्र शास्त्री, सुधीर शास्त्री, शशिकांत शास्त्री, गोविंद दुबे, सीताराम सिंह, अरविंद सिंह, पप्पू सिंह, कुंवर सिंह, अमोल सिंह, राघवेन्द्र सिंह, हरनाम सिंह, भूपेनद्र सिंह, हरिनंदन तिवारी, गोविन्द पाठक, श्री सिंह सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से पधारे हुए हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।