सागर । महान पुरूष एक समाज में पैदा जरूर होते हैं लेकिन वह पूरे देश के होते हैं। डाॅ.भीमराम अंबेडकर एक समाज के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं क्योंकि उन्होंने सभी वर्गों के उन्होंने संविधान देकर सभी को समानता से जीने का अधिकार दिया है। बाबा साहेब द्वारा बनाया गया भारत का संविधान पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। यह बात खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर राहतगढ़ एवं सीहोरा में आयोजित कार्यक्रम में कहीं ।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का जन्म मध्यप्रदेश के महू में हुआ था, जिन्होंने विदेश जाकर पढ़ाई की तथा 32 डिग्रियां हासिल की, उन्हें 9 भाषाओं का ज्ञान था, उन्होंने 2 साल 11 महीने 2 दिन में संविधान बनाया था, जिस संविधान पर आज पूरा देश चल रहा है बाबा साहेब ने देश के विकास के लिए अनेक योगदान दिये जिनमें मुख्य रूप से जल और बिजली नीति में मोदर घाटी परियोजना, भाखड़ा नंगल बांध परियोजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। श्री राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डा. भीमराव आंबेडकर जी के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 से संविधान दिवस मनाने की क्रांतिकारी पहल की। यह बाबा साहेब के प्रति सबसे सच्ची श्रद्धांजलि रही। मोदी सरकार ने 26 अप्रैल को आधिकारिक रूप से संविधान दिवस की घोषणा कर डॉ. भीमराव आंबेडकर के महान योगदान को सम्मान देने की पहल की।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की यादों को चिरस्थाई बनाने और उनकी विरासत के संरक्षण की दिशा में भाजपा सरकार ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दिल्ली के जिस 26, अलीपुर रोड हाउस में 6 दिसंबर 1956 को डॉ. आंबेडकर चिर निद्रा में लीन हुए थे, वहां केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक बनवाया है। सेंट्रल दिल्ली के जनपथ मार्ग पर अपनी भव्यता और बड़े आयोजनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके डाॅ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण भी मोदी सरकार ने कराया। दिसंबर 2017 में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर को राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से लेकर लंदन तक बाबा साहेब की यादों को चिरस्थाई बनाने की पहल की है। लंदन में वकालत की पढ़ाई के लिए बाबा साहेब जिस स्थान पर रहा करते थे, वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर 2015 को आंबेडकर स्मारक का उद्घाटन किया था। पश्चिम लंदन में किंग हेनरी रोड पर यह तिमंजिला स्मारक है। देश के किसी महापुरुष के जीवन से जुड़े सभी स्थलों को पहली बार तीर्थ स्थल के रूप में मोदी सरकार ने विकसित करने की पहल की। आंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख स्थानों को मोदी सरकार ने पंचतीर्थ घोषित किया है। केंद्र सरकार ने डिजिटल लेन-लेन को बढ़ावा देने के लिए जो ऐप बनाया, उसका नाम भी बाबा साहेब पर करते हुए भीम ऐप नाम दिया। ऐसे तमाम प्रतीकों के माध्यम से बाबा साहेब के विचारों से देश की जनता को जोड़ने की पहल भाजपा सरकार ने की।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष प्रियंक तिवारी, सुरेंद्र रघुंवशी, जगदीष लोधी, भाजपा नेता रामकुमार पप्पू तिवारी, विनोद कपूर, विनोद ओसवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष अमित राय, अरविंद सिंह टिंकू राजा, रामकुमार यादव, प्रीतम उस्ताज, रोशन अहिरवार, रामप्रसाद अहिरवार, अनंदी अहिरवार, रविशंकर, गिरधारी अहिरवार, प्रकाष,ऋषिराज, गोपाल अहिरवार, हरभजन अहिरवार, तुलसी अहिरवार, अजय अहिरवार, कमलेष अहिरवार, मोहन अहिरवार, पुरषोत्तम, रम्मू अहिरवार, जगदीष साहू, राकेश तिवारी, अशोक सिंह सेवन, दीपू अहिरवार, जसवंत अहिरवार आदि उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का जन्म मध्यप्रदेश के महू में हुआ था, जिन्होंने विदेश जाकर पढ़ाई की तथा 32 डिग्रियां हासिल की, उन्हें 9 भाषाओं का ज्ञान था, उन्होंने 2 साल 11 महीने 2 दिन में संविधान बनाया था, जिस संविधान पर आज पूरा देश चल रहा है बाबा साहेब ने देश के विकास के लिए अनेक योगदान दिये जिनमें मुख्य रूप से जल और बिजली नीति में मोदर घाटी परियोजना, भाखड़ा नंगल बांध परियोजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। श्री राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डा. भीमराव आंबेडकर जी के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 से संविधान दिवस मनाने की क्रांतिकारी पहल की। यह बाबा साहेब के प्रति सबसे सच्ची श्रद्धांजलि रही। मोदी सरकार ने 26 अप्रैल को आधिकारिक रूप से संविधान दिवस की घोषणा कर डॉ. भीमराव आंबेडकर के महान योगदान को सम्मान देने की पहल की।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की यादों को चिरस्थाई बनाने और उनकी विरासत के संरक्षण की दिशा में भाजपा सरकार ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दिल्ली के जिस 26, अलीपुर रोड हाउस में 6 दिसंबर 1956 को डॉ. आंबेडकर चिर निद्रा में लीन हुए थे, वहां केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक बनवाया है। सेंट्रल दिल्ली के जनपथ मार्ग पर अपनी भव्यता और बड़े आयोजनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके डाॅ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण भी मोदी सरकार ने कराया। दिसंबर 2017 में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर को राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से लेकर लंदन तक बाबा साहेब की यादों को चिरस्थाई बनाने की पहल की है। लंदन में वकालत की पढ़ाई के लिए बाबा साहेब जिस स्थान पर रहा करते थे, वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर 2015 को आंबेडकर स्मारक का उद्घाटन किया था। पश्चिम लंदन में किंग हेनरी रोड पर यह तिमंजिला स्मारक है। देश के किसी महापुरुष के जीवन से जुड़े सभी स्थलों को पहली बार तीर्थ स्थल के रूप में मोदी सरकार ने विकसित करने की पहल की। आंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख स्थानों को मोदी सरकार ने पंचतीर्थ घोषित किया है। केंद्र सरकार ने डिजिटल लेन-लेन को बढ़ावा देने के लिए जो ऐप बनाया, उसका नाम भी बाबा साहेब पर करते हुए भीम ऐप नाम दिया। ऐसे तमाम प्रतीकों के माध्यम से बाबा साहेब के विचारों से देश की जनता को जोड़ने की पहल भाजपा सरकार ने की।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष प्रियंक तिवारी, सुरेंद्र रघुंवशी, जगदीष लोधी, भाजपा नेता रामकुमार पप्पू तिवारी, विनोद कपूर, विनोद ओसवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष अमित राय, अरविंद सिंह टिंकू राजा, रामकुमार यादव, प्रीतम उस्ताज, रोशन अहिरवार, रामप्रसाद अहिरवार, अनंदी अहिरवार, रविशंकर, गिरधारी अहिरवार, प्रकाष,ऋषिराज, गोपाल अहिरवार, हरभजन अहिरवार, तुलसी अहिरवार, अजय अहिरवार, कमलेष अहिरवार, मोहन अहिरवार, पुरषोत्तम, रम्मू अहिरवार, जगदीष साहू, राकेश तिवारी, अशोक सिंह सेवन, दीपू अहिरवार, जसवंत अहिरवार आदि उपस्थित रहे।