
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि इस वर्ष उपार्जन का कार्य नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम के साथ-साथ एनसीसीएफ एवं केन्द्रीय भण्डारण के द्वारा भी किया जाएगा। किसानों की सुविधा एवं अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए तथा समन्वय के लिए मिलिंग नीति 2024-25 का प्रारूप खाद्य आयुक्त के देखरेख में तैयार किया जाएगा। इसके अलावा खाद्य आयुक्त समय सीमा में मिलिंग कार्य कराने की समस्त कार्रवाई अपनी निगरानी में पूर्ण करायेगें।
*उपार्जन केन्द्र में रखा जायेगा मॉयश्चर मीटर :*
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों में धान की नमी चेक करने के लिये मॉयश्चर मीटर रखा जायेगा। नमी चेक करने के बाद ही एफएक्यू के आधार पर धान की खरीदी की जायेगी। उन्होंने कहा कि मिलर्स उपार्जन केन्द्र से सीधे धान उठायें। इससे परिवहन एवं भण्डारण व्यय में कमी आयेगी। मिलर्स के लंबित भुगतान एवं अपग्रेडेशन राशि के संबंध में जल्द काईवाई की जायेगी।
बैठक में आयुक्त खाद्य सिबी चक्रवर्ती ने बताया कि इस वर्ष गत वर्षो से दोगुनी मात्रा से अधिक मात्रा में चावल का परिदान भारतीय खाद्य निगम को किया जाना है। भारतीय खाद्य निगम को नियत समय सीमा में चावल का परिदान हेतु विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत मिलर्स को उनकी मिलिंग क्षमता के अनुसार चावल परिदान की जानकारी दर्ज करनी होगी। इस आधार पर ही मिलर्स हेतु भारतीय खाद्य निगम में चावल परिदान की कार्य योजना तैयार की जाऐगी।
एमडी नागरिक एवं आपूर्ति निगम पी.एन. यादव ने प्रस्तावित नीति 2024-25 के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। प्रस्तावित नीति के संबंध में मिलर्स ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। इस दौरान प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरूण शमी, संचालक खाद्य सिबि चक्रवर्ती एवं अन्य अधिकारी तथा मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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