
श्रीमद्भागवत कथा सात दिन का एक ऐसा आयोजन है। जिसमें सात सौपान है जिनके माध्यम से एक-एक करके हम प्रत्येक सोपान पर बढ़ते जाते हैं। अंत में अपने जीवन का लक्ष्य जान जाते हैं श्रीमद्भागवत में भक्तों की ऐसी दिव्य कथाएं हैं, जिनको सुनकर हृदय में भक्ति का उदय होता है और साथ ही साथ मनुष्य के जीवन में सुधार होता है। वह मनुष्य अपना जीवन तभी पूर्ण कर सकता है जब वह भगवान की भक्ति करेगा। ज्ञान, भक्ति और वैराग्य का यह महान ग्रंथ है।
अविराज सिंह ने कहा कि हमारे जीवन में भागवत कथा का वही महत्व है जो शरीर में आत्मा का होता है। जिस प्रकार आत्मा बिना शरीर निरर्थक है, उसी तरह भक्ति बिना जीवन शून्य है। भगवान की कृपा होने पर ही भागवत कथा सुनने का अवसर मिलता है। जब हम अध्यात्म के मार्ग पर चलते है तो सारे लक्ष्यों की प्राप्ति हो जाती हैं, इसलिए हम सभी को धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और हमें कभी अंहकार नहीं करना चाहिए ।